शायरी में है मेरा नाम या बदनाम है मेरा,
खुदा का शुक्र है कुछ रह गया गुमनाम है मेरा ;
कई किस्से हकीकत में कई हालात में बदले ,
मगर इस बार लगता दिल हुआ नाकाम है मेरा.
कि मुझको चाहनेवालों ज़रा ऐसी दुआ करना ,
जिसे मैं चाहता हूँ सीख ले मुझसे वफ़ा करना .
खुदा का शुक्र है कुछ रह गया गुमनाम है मेरा ;
कई किस्से हकीकत में कई हालात में बदले ,
मगर इस बार लगता दिल हुआ नाकाम है मेरा.
कि मुझको चाहनेवालों ज़रा ऐसी दुआ करना ,
जिसे मैं चाहता हूँ सीख ले मुझसे वफ़ा करना .