Saturday, February 12, 2011

तू खयालों में राह करती है

तू खयालों में राह करती है ,
मेर दिल को तबाह करती है ।
दिल तेरी आग में धधकता है ,
पर तू खुशियों की आहें भरती है ।
जब भी जलता है कोई परवाना
शम्मा बस वाह-वाह करती है ।
ये मोहब्बत की दास्ताँ कैसी
जो दिल ओ जान पे गुजरती है ।

Thursday, February 10, 2011

पास आकर मेरे गीत गाया करें

ईन हवाओं से है आरजू ये मेरी ,

तेरी जुल्फों से खुशबू चुराया करें ।

जब बदन छूके तेरा ये मदहोश हों

पास आकर मेरे गीत गाया करें ।

इन हवाओं से ............................. ।

मैं मुकद्दर पे इसके फ़िदा हो गया ,

पास जाने से तेरे ये क्या हो गया !

धूप छूकर तुझे आज सोना बनी ,

अब जमीं आसमां को सजाया करे ।

इन हवाओं से .............................. ।

तेरे दम से है साँसों का ये सिलसिला ,

फूल उल्फत का है मेरे दिल में खिला ।

अपनी आँखों के भौरों से कह दो कभी

इश्क के फूल को चूम आया करें ।

इन हवाओं से ............................. ।

Friday, February 4, 2011

दिल हमारा है जरा दीवाना

दिल हमारा है जरा दीवाना ,
गर बहक जाए दिल दुखाना क्या ?
तेरी नज़रों से पिघल जाता है ,
इसको आहों से आजमाना क्या ?
तेरे घर खुद ही गवां आऊंगा ,
कोशिशों से इसे चुराना क्या ?
मेरे अंदाजे बयां हैं कैसे
किसी रकीब से बताना क्या ?
जो बन सके तो कभी आ के मिलो
एक बीमार को बुलाना क्या ?