Thursday, February 10, 2011

पास आकर मेरे गीत गाया करें

ईन हवाओं से है आरजू ये मेरी ,

तेरी जुल्फों से खुशबू चुराया करें ।

जब बदन छूके तेरा ये मदहोश हों

पास आकर मेरे गीत गाया करें ।

इन हवाओं से ............................. ।

मैं मुकद्दर पे इसके फ़िदा हो गया ,

पास जाने से तेरे ये क्या हो गया !

धूप छूकर तुझे आज सोना बनी ,

अब जमीं आसमां को सजाया करे ।

इन हवाओं से .............................. ।

तेरे दम से है साँसों का ये सिलसिला ,

फूल उल्फत का है मेरे दिल में खिला ।

अपनी आँखों के भौरों से कह दो कभी

इश्क के फूल को चूम आया करें ।

इन हवाओं से ............................. ।

1 comment:

  1. achchha likhate hain aap ...kripya settings me jakar word verification hata len...coment karne men priblem hoti hai...aabhar....

    ReplyDelete