दिल हमारा है जरा दीवाना ,
गर बहक जाए दिल दुखाना क्या ?
तेरी नज़रों से पिघल जाता है ,
इसको आहों से आजमाना क्या ?
तेरे घर खुद ही गवां आऊंगा ,
कोशिशों से इसे चुराना क्या ?
मेरे अंदाजे बयां हैं कैसे
किसी रकीब से बताना क्या ?
जो बन सके तो कभी आ के मिलो
एक बीमार को बुलाना क्या ?
सुन्दर रचना
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