वो दर्दे दिल के दौर की उदासियाँ चली गयीं ।
वो बारिशें चली गयीं , वो आंधियाँ चली गयीं ।
जो आंसुओं में ढालते थे दास्तान निगाह की
वो रंजो गम चले गए , वो स्याहियाँ चली गयीं ।
वे दिन तुम्हारे प्यार के भी आज अजनबी हुए
बहार वो चली गयी ,वो वादियाँ चली गयीं ।
रहा गिला नहीं मगर ये हसरतों को क्या हुआ
जो छोड़ अपना दर न जाने क्यों कहाँ चली गयीं ।
उदासियाँ चली जाय तो फिर क्या कहना..
ReplyDeletenaheen ! agar pyaar mein milee hon to n jaayen .
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