Saturday, April 23, 2011

तडपता छोड़कर जाना

कभी आकर तेरा मुझको तडपता छोड़कर जाना ,
मुझे है याद अबतक वो तेरा मुंह मोड़कर जाना ।
मेरे आंसू , मेरी आहों का मतलब क्या निकलता है ?
बड़ा आसान था तेरे लिए दिल तोड़कर जाना ।
बुझा दो फूँक से अपनी हमारी जिन्दगी की लौ ,
कहाँ तक ठीक है इसको फडकता छोड़कर जाना ?
तेरी तस्वीर आँखों में , महक तेरी ही साँसों में ,
अदाओं पे तेरी दिल को धडकता छोड़कर जाना ।

4 comments:

  1. Bahut Dilknsh hei Aapke Shabd !

    तेरी तस्वीर आँखों में , महक तेरी ही साँसों में ,
    अदाओं पे तेरी दिल को धडकता छोड़कर जाना ।
    kabhi hmre aangan bhi aae !

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  2. very touching sir...lyked it a lot

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  3. Thanks ! Darshanji, Dr Monikaji aur Raj Wardhan .

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